
मुँह का कैंसर -:
मुँह के अंदर होने वाले कैंसर को कभी कभी मौखिक कैंसर कहा जाता है ।एक दंत चिकित्सक आमतौर पर अपने शुरुआती चरणों मे मौखिक कैंसर को पकड़ लेते हैं क्योंकि मुँह की आसानी से जाँच की जा सकती है।

मौखिक कैंसर जिसमे होंठ, जीभ, गाल, मुँह की एक परत, कठोर और नरम तालू, साइनस और ग्रसनी(गले) के कैंसर शामिल हैं। यदि इनका सही समय पर निदान और उपचार नहीं किया गया तो यह जानलेवा हो सकता है।
ऐसे कई प्रकार के घाव होते हैं जो मौखिक कैंसर बनने की क्षमता रखते हैं। इनमे सफेद लवणों और लाल, मखमली जैसी घाव जिसे एरिथ्रोपालकिया कहा जाता है।

मुँह के कैंसर में निम्नलिखित कैंसर शामिल हैं -:
1 होठों का कैंसर
2 जीभ का कैंसर
3 गाल का कैंसर
4 मसूड़ो का कैंसर
5 जीभ के नीचे का कैंसर
6 सख्त और नरम तालु के कैंसर

मुँह के कैंसर के निम्नलिखित लक्षण होते हैं -:
1 मुँह में दर्द :- मुँह में दर्द या परेशानी जो ठीक नहीं होती है,मुँह के कैंसर का सबसे आम लक्षण है।
2 ठीक नहीं होने वाला नासूर :- त्वचा का एक निकला हुआ हिस्सा (नासूर) जो ठीक नहीं होता ,मुँह के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
3 वजन घटना :- अधिकतम वजन घटना, कैंसर का संकेत हो सकता है।
4 होठ , मसूड़ो या मुँह के अन्य क्षेत्रों में सूजन ,मोटाई, गांठ , धब्बे, पपडी या कटाव विकसित होना।
5 मुँह में मखमली सफेद, लाल या धब्बेदार पैच का विकास होना।
6 मुँह से बिना किसी वजह खून बहना।
7 चेहरे , मुँह, गर्दन या कान के किसी भी क्षेत्र में बिना किसी वजह से स्तब्धता होना, कुछ महसुस न होना या दर्द /कोमलता होना।
8 चेहरे , गर्दन या मुँह पर घाव होना और 2 सप्ताह के भीतर उनका ठीक न होना ।
9 पीड़ा होना और ऐसा लगना कि गले के पिछले हिस्से में कुछ फसा है।
10 चबाने या निगलने , बोलने या जबड़े या जीभ को हिलाने में कठिनाई होना।
11 घबराहट और आवाज में परिवर्तन।
12 आपके दांतों और कृत्रिम दांतो के एक साथ फिट होने के तरीके में बदलाव।
13 गर्दन में गांठ होना।

मुँह के कैंसर के कारण :-
1 धूम्रपान :- मौखिक कैसंर विकसित करने की सम्भावना उन लोगो मे 6 गुना अधिक होती है जो सिगरेट, सिगार या पाइप धूम्रपान का सेवन करते हैं।
2 तंबाकू :- जो लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं उनमें गाल , मसूड़ो और होठो की लाइनिंग का कैंसर होने की संभावना 50 गुना अधिक होती है।
3 शराब ज्यादा पीना।
4 कैंसर का पारिवारिक इतिहास।
5 धूप में अत्यधिक निकलना खासकर छोटी उम्र में इसके जोखिम को बढ़ता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 25% से अधिक मुँह का कैंसर उन लोगो मे पाया जाता है जो न धूम्रपान करते हैं और न ही शराब पीते हैं।
मुँह के कैंसर के निम्नलिखित जोखिम कारक हैं :-
1 लिंग :- महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में मौखिक कैंसर दो गुना आम है।यह अंतर शराब और तंबाकू के इस्तेमाल से सम्बंधित हो सकता है जो प्रमुख मौखिक कैंसर के खतरे का कारक है।
2 आयु :- मौखिक कैंसर के निदान में औसत आयु 62 है और इस रोग वाले दो – तिहाई व्यक्ति 55 वर्ष से अधिक आयु के है।
3 पराबैंगनी प्रकाश :- होठ के कैंसर उन लोगों में अधिक सामान्य होते हैं जो लम्बे समय तक सूर्य के प्रकाश में काम करते हैं।
4 खराब पोषण :- अध्ययनों में फलों और सब्जियों का उपभोग और मौखिक कैंसर के जोखिम बढ़ने के बीच एक सम्बंध पाया गया है।
5 आनुवंशिकता :- कुछ आनुवंशिकता उतपरिवर्तन जो शरीर मे अलग अलग सिंड्रोम पैदा करते हैं, मौखिक कैंसर का उच्च जोखिम हो सकते हैं।
6 तंबाकू :- मौखिक गुहा कैंसर वाले लगभग 80% लोग सिगरेट और तम्बाकू का प्रयोग करते हैं। मौखिक कैंसर के विकास का जोखिम तम्बाकू के उपयोग और उपयोग के अवधि पर निर्भर करता है। धूम्रपान करने से मुँह या गले में कैंसर हो सकता है और तम्बाकू उत्पादों से गले ,मसूड़ो और होठो की आंतरिक सतह में कैंसर होता है।
7 शराब :- यह जोखिम उन लोगो के लिए अधिक है जो शराब और तम्बाकू दोनों का उपयोग करते हैं जो लोग धूम्रपान करते है और अत्यधिक शराब पीते है उन्हें मौखिक कैंसर का खतरा उन लोगो के जोखिम के मुकाबले जो इनमे से कुछ नहीं करते , 100% अधिक हो सकता है।
8 प्रतिरक्षा प्रणाली का दमन :- प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने वाली दवाएं लेना जैसे कुछ प्रतिरक्षा रोगों को इलाज करने वाली दवाए मौखिक कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

मुँह का कैंसर से बचाव :-
1 धूम्रपान या किसी भी तंबाकू उत्पाद का उपयोग न करें और न ही शराब पिए।
2 अच्छा और सन्तुलित आहार खाए।
3 मौखिक सेक्स करने वाले युवा लोगो को मौखिक कैंसर होने का एक उच्च जोखिम होता है।
जटिल एवं आसाध्य रोगों का वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति द्वारा आसान समाधान

सम्पर्क :- “अनमोल हेल्थ केयर”
“डॉ हलधर पटेल”
9098472777
“अपने संपर्क में जरूर साझा करें धन्यवाद।”


